महिलाओं में बांझपन का क्या कारण है और लैप्रोस्कोपी द्वारा इसका इलाज कैसे किया जा सकता है
महिलाओं में बांझपन का क्या कारण है और लैप्रोस्कोपी द्वारा इसका इलाज कैसे किया जा सकता है?
संसार का सबसे बड़ा सुख संतान सुख होता है, प्रत्येक दंपत्ति का यही सपना होता है कि उसका एक हस्ता-खेलता परिवार हो और उसके घर में बच्चों की किलकारियां गूंजे। लेकिन कुछ दंपत्ति इस सुख से वंचित रह जाते हैं, जिसका कारण इनफर्टिलिटी होता है, जिसे आम भाषा में बांझपन कहा जाता है।
इनफर्टिलिटी का अर्थ बच्चे न करने की समस्या होती है। यह समस्या पुरूष और महिला दोनों में पाई जाती है, जिसे मेल इनफर्टिलिटी और फीमेल इनफर्टिलिटी के नाम से जाना जाता है।
आमतौर पर बच्चे न होने का कारण महिला बांझपन (फीमेल इनफर्टिलिटी) को ही समझा जाता है, लेकिन यह जरूरी नहीं है। इसलिए किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले फीमेल इनफर्टिलिटी से जुड़ी आवश्यक जानकारी जैसे फीमेल इनफर्टिलिटी क्या है, इसके कौन-कौन से लक्षण होते हैं और इसका क्या इलाज होता है इत्यादि प्राप्त करना महत्वपूर्ण होता है।
महिला बांझपन को मेडिकल भाषा में फीमेल इनफर्टिलिटी कहा जाता है। यह समस्या उस समय उत्पन्न होती है, जब कोई महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है।
महिला बांझपन को गर्भधारण करने में असमर्थता के रूप में परिभाषित किया गया है, यह समस्या तब उत्पन होती है, जब कोई महिला 12 महीने के या 6 महीने (35 साल की उम्र से ज्यादा) असुरक्षित संभोग के बाद भी गर्भधारण करने में असमर्थ रह जाती है।
फीमेल इनफर्टिलिटी के कुछ मुख्य लक्षण होते हैं, जो इस प्रकार हैं-
अनियमित रूप से मासिक धर्म का आना
मासिक धर्म का न आना
चेहरे पर बालों का होना
यौनिक क्रिया करने की इच्छा में कमी का होना
वजन का बढ़ना
यौनिक क्रिया के दौरान दर्द होनाडॉक्टर्स टॉक के इस एपिसोड में हम डॉ. आर. के. मिश्रा से बात करते हैं कि महिलाओं में बांझपन का क्या कारण है और लैप्रोस्कोपिक विधियों का उपयोग करके इसका इलाज कैसे किया जा सकता है। डॉक्टर्स टॉक के इस एपिसोड में हम डॉ आर. के. मिश्रा से बात करेंगे कि महिलाओं में बांझपन का क्या कारण है और लैप्रोस्कोपिक विधियों का उपयोग करके इसका इलाज कैसे किया जा सकता है। महिलाओं में बांझपन की पहचान एक लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया द्वारा किया जा सकता है, जो ट्यूबल पेटेन्सी की जांच करता है। लैप्रोस्कोपी की मदत से फलोपियन ट्यूब के रास्ते को खोला जा सकता है या फाइब्रॉएड (जिनके कारण बांझपन की समस्या होती है) को भी निकाला इया सकता है। लेप्रोस्कोपी का उपयोग कर डिम्बग्रंथि पुटी (ओवेरियन सिस्ट) को हटा कर भी भाँझपन का इलाज हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए https://www.laparoscopyhospital.com/ पर जाएं
संसार का सबसे बड़ा सुख संतान सुख होता है, प्रत्येक दंपत्ति का यही सपना होता है कि उसका एक हस्ता-खेलता परिवार हो और उसके घर में बच्चों की किलकारियां गूंजे। लेकिन कुछ दंपत्ति इस सुख से वंचित रह जाते हैं, जिसका कारण इनफर्टिलिटी होता है, जिसे आम भाषा में बांझपन कहा जाता है।
इनफर्टिलिटी का अर्थ बच्चे न करने की समस्या होती है। यह समस्या पुरूष और महिला दोनों में पाई जाती है, जिसे मेल इनफर्टिलिटी और फीमेल इनफर्टिलिटी के नाम से जाना जाता है।
आमतौर पर बच्चे न होने का कारण महिला बांझपन (फीमेल इनफर्टिलिटी) को ही समझा जाता है, लेकिन यह जरूरी नहीं है। इसलिए किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले फीमेल इनफर्टिलिटी से जुड़ी आवश्यक जानकारी जैसे फीमेल इनफर्टिलिटी क्या है, इसके कौन-कौन से लक्षण होते हैं और इसका क्या इलाज होता है इत्यादि प्राप्त करना महत्वपूर्ण होता है।
महिला बांझपन को मेडिकल भाषा में फीमेल इनफर्टिलिटी कहा जाता है। यह समस्या उस समय उत्पन्न होती है, जब कोई महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है।
महिला बांझपन को गर्भधारण करने में असमर्थता के रूप में परिभाषित किया गया है, यह समस्या तब उत्पन होती है, जब कोई महिला 12 महीने के या 6 महीने (35 साल की उम्र से ज्यादा) असुरक्षित संभोग के बाद भी गर्भधारण करने में असमर्थ रह जाती है।
फीमेल इनफर्टिलिटी के कुछ मुख्य लक्षण होते हैं, जो इस प्रकार हैं-
अनियमित रूप से मासिक धर्म का आना
मासिक धर्म का न आना
चेहरे पर बालों का होना
यौनिक क्रिया करने की इच्छा में कमी का होना
वजन का बढ़ना
यौनिक क्रिया के दौरान दर्द होनाडॉक्टर्स टॉक के इस एपिसोड में हम डॉ. आर. के. मिश्रा से बात करते हैं कि महिलाओं में बांझपन का क्या कारण है और लैप्रोस्कोपिक विधियों का उपयोग करके इसका इलाज कैसे किया जा सकता है। डॉक्टर्स टॉक के इस एपिसोड में हम डॉ आर. के. मिश्रा से बात करेंगे कि महिलाओं में बांझपन का क्या कारण है और लैप्रोस्कोपिक विधियों का उपयोग करके इसका इलाज कैसे किया जा सकता है। महिलाओं में बांझपन की पहचान एक लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया द्वारा किया जा सकता है, जो ट्यूबल पेटेन्सी की जांच करता है। लैप्रोस्कोपी की मदत से फलोपियन ट्यूब के रास्ते को खोला जा सकता है या फाइब्रॉएड (जिनके कारण बांझपन की समस्या होती है) को भी निकाला इया सकता है। लेप्रोस्कोपी का उपयोग कर डिम्बग्रंथि पुटी (ओवेरियन सिस्ट) को हटा कर भी भाँझपन का इलाज हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए https://www.laparoscopyhospital.com/ पर जाएं
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