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इनफर्टिलिटी क्या है और यह बढ़ती क्यों जाती है?
Treatment  |  12.11.2023 4:15 pm  |  124  |  A+ | a-
महिलाओं में इनफर्टिलिटी
महिलाओं में इनफर्टिलिटी
इस वीडियो में इनफर्टिलिटी के बारे में विस्तार से जानकरी दी गई है, इनफर्टिलिटी जिसे बांझपन भी कहा जाता है, वह स्थिति है जब एक व्यक्ति या जोड़े को सामान्य यौन संबंधों के बावजूद गर्भ धारण करने में कठिनाई होती है। यह दोनों पुरुषों और महिलाओं में हो सकती है और विभिन्न कारणों से हो सकती है।

इनफर्टिलिटी के कुछ सामान्य कारण हैं:

1. हार्मोनल असंतुलन: महिलाओं में ओव्यूलेशन संबंधी समस्याएं और पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन में कमी।

2. आयु: महिलाओं में उम्र के साथ प्रजनन क्षमता घटती है, खासकर 35 वर्ष के बाद। पुरुषों में भी उम्र के साथ शुक्राणु की गुणवत्ता और मात्रा प्रभावित हो सकती है।

3. जीवनशैली संबंधी कारण: धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, अत्यधिक तनाव, और अस्वास्थ्यकर आहार भी इनफर्टिलिटी को बढ़ा सकते हैं।

4. शारीरिक समस्याएं: जैसे फैलोपियन ट्यूब में रुकावट, शुक्राणु नलिकाओं में अवरोध, और अन्य शारीरिक समस्याएं।

5. चिकित्सा स्थितियां: जैसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS), एंडोमेट्रियोसिस, और अन्य स्थितियां।

6. पर्यावरणीय कारण: जैसे विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना।

इनफर्टिलिटी बढ़ती जा रही है क्योंकि आधुनिक जीवनशैली में तनाव, अनियमित खानपान, और पर्यावरणीय प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके अलावा, बढ़ती उम्र में विवाह और बच्चे होने की इच्छा भी इनफर्टिलिटी के मामलों को बढ़ा रही है।


 
महिलाओं में इनफर्टिलिटी (बांझपन) के कई संभावित कारण हो सकते हैं:

1. ओव्यूलेशन डिसऑर्डर्स: यह इनफर्टिलिटी का सबसे आम कारण है। यदि ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्ग) नियमित नहीं होता है, तो गर्भधारण मुश्किल हो सकता है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS), हाइपोथायरॉयडिज्म, और हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया ओव्यूलेशन डिसऑर्डर्स के उदाहरण हैं।

2. ट्यूबल ब्लॉकेज: यदि फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक या क्षतिग्रस्त होती हैं, तो शुक्राणु अंडे तक नहीं पहुंच पाता है, जिससे गर्भधारण में बाधा आती है। यह ब्लॉकेज पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID), एंडोमेट्रियोसिस, या पूर्व में हुई सर्जरी के कारण हो सकता है।

3. एंडोमेट्रियोसिस: इस स्थिति में, गर्भाशय की लाइनिंग वाला ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ता है। यह फैलोपियन ट्यूब को प्रभावित कर सकता है और गर्भाशय के आंतरिक वातावरण को बदल सकता है, जिससे गर्भधारण में कठिनाई होती है।

4. उम्र: महिलाओं की प्रजनन क्षमता उम्र के साथ कम होती जाती है, खासकर 35 साल के बाद।

5. जीवनशैली और पर्यावरणीय कारक: धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, अत्यधिक वजन (मोटापा या कम वजन), और कुछ पर्यावरणीय प्रदूषक भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।

6. अन्य चिकित्सा स्थितियां: जैसे कि गर्भाशय में फाइब्रॉयड्स या अन्य आंतरिक विकृतियां, कुछ आनुवंशिक स्थितियां, और हार्मोनल विकार।

इनफर्टिलिटी का निदान और इलाज महिला की विशिष्ट स्थिति और उसके कारणों पर निर्भर करता है। इसके लिए चिकित्सा परामर्श और विशेषज्ञ की देखरेख में उपचार आवश्यक है।

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