अगर गर्भावस्था के बाद हर्निया हो तो क्या दूरबीन से ऑपरेशन हो सकता है?
यह वीडियो हर्निया सर्जरी के बारे में जानकारी प्रदान करता है, गर्भावस्था के बाद हर्निया का इलाज दूरबीन विधि (लैप्रोस्कोपिक सर्जरी) से किया जा सकता है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी एक मिनिमली इनवेसिव तकनीक है, जिसमें शरीर में केवल छोटे चीरे लगाए जाते हैं। इस प्रक्रिया में, सर्जन एक लैप्रोस्कोप (एक पतला ट्यूब जिसके अंत में एक कैमरा और प्रकाश स्रोत होता है) का उपयोग करते हैं ताकि हर्निया के क्षेत्र को सटीक रूप से देख सकें और उसे ठीक कर सकें।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:
1. कम दर्द और तेजी से रिकवरी: चूंकि चीरे छोटे होते हैं, इसलिए दर्द कम होता है और रोगी जल्दी ठीक होता है।
2. कम जोखिम और संक्रमण की कम संभावना: बड़े चीरों की तुलना में छोटे चीरों से संक्रमण का जोखिम कम होता है।
3. कम निशान: चूंकि चीरे छोटे होते हैं, इसलिए निशान भी कम नजर आते हैं।
हालांकि, गर्भावस्था के बाद हर्निया के इलाज के लिए सही समय और सर्जरी की विधि का चयन एक योग्य चिकित्सक या सर्जन की सलाह पर निर्भर करता है। उनकी सलाह रोगी की समग्र स्वास्थ्य स्थिति, हर्निया के प्रकार और आकार, और अन्य व्यक्तिगत स्वास्थ्य परिस्थितियों पर आधारित होती है।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, जिसे दूरबीन सर्जरी भी कहा जाता है, एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें छोटे चीरे और स्पेशलाइज्ड उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण होते हैं:
1. एनेस्थीसिया: सर्जरी से पहले, रोगी को एनेस्थीसिया दिया जाता है ताकि दर्द और असुविधा से बचा जा सके।
2. छोटे चीरे करना: सर्जन शरीर में छोटे चीरे (आमतौर पर 0.5 से 1.5 सेंटीमीटर के) करते हैं। ये चीरे उस क्षेत्र में किए जाते हैं जहां सर्जरी की जानी है।
3. लैप्रोस्कोप का प्रवेश: एक चीरे के माध्यम से लैप्रोस्कोप, जो एक पतली ट्यूब होती है जिसके अंत में कैमरा और प्रकाश स्रोत होता है, को प्रविष्ट किया जाता है। यह कैमरा आंतरिक अंगों की स्पष्ट छवि प्रदान करता है, जिसे मॉनिटर पर देखा जा सकता है।
4. अन्य सर्जिकल उपकरण: अन्य चीरों के माध्यम से विभिन्न सर्जिकल उपकरण प्रविष्ट किए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल सर्जरी को अंजाम देने के लिए किया जाता है।
5. हर्निया का इलाज: सर्जन लैप्रोस्कोपिक उपकरणों और कैमरे की मदद से हर्निया की सटीक पहचान करते हैं और उसे ठीक करते हैं। यह प्रक्रिया हर्निया के प्रकार और स्थिति पर निर्भर करती है।
6. चीरे को बंद करना: सर्जरी पूरी होने के बाद, चीरों को सिल दिया जाता है या स्टेपल्स/बैंड-ऐड्स का इस्तेमाल करके बंद किया जाता है।
लैप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर में दर्द कम होता है, रिकवरी तेज होती है, और निशान कम दिखाई देते हैं, जिससे यह पारंपरिक खुली सर्जरी की तुलना में अधिक प्राथमिकता वाला विकल्प बन जाता है। हालांकि, हर मामले की विशिष्टता और रोगी की व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर, सर्जन यह तय करता है कि लैप्रोस्कोपिक सर्जरी उपयुक्त है या नहीं।
संपर्क करें
वर्ल्ड लेप्रोस्कोपी अस्पताल
साइबर सिटी, गुरुग्राम
एनसीआर दिल्ली, भारत
वर्ल्ड लेप्रोस्कोपी प्रशिक्षण संस्थान
भवन संख्या: 27, डीएचसीसी, दुबई, संयुक्त अरब अमीरात
वर्ल्ड लेप्रोस्कोपी प्रशिक्षण संस्थान
5401 एस किर्कमैन रोड सुइट 340
ऑरलैंडो, FL 32819, यूएसए
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:
1. कम दर्द और तेजी से रिकवरी: चूंकि चीरे छोटे होते हैं, इसलिए दर्द कम होता है और रोगी जल्दी ठीक होता है।
2. कम जोखिम और संक्रमण की कम संभावना: बड़े चीरों की तुलना में छोटे चीरों से संक्रमण का जोखिम कम होता है।
3. कम निशान: चूंकि चीरे छोटे होते हैं, इसलिए निशान भी कम नजर आते हैं।
हालांकि, गर्भावस्था के बाद हर्निया के इलाज के लिए सही समय और सर्जरी की विधि का चयन एक योग्य चिकित्सक या सर्जन की सलाह पर निर्भर करता है। उनकी सलाह रोगी की समग्र स्वास्थ्य स्थिति, हर्निया के प्रकार और आकार, और अन्य व्यक्तिगत स्वास्थ्य परिस्थितियों पर आधारित होती है।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, जिसे दूरबीन सर्जरी भी कहा जाता है, एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें छोटे चीरे और स्पेशलाइज्ड उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण होते हैं:
1. एनेस्थीसिया: सर्जरी से पहले, रोगी को एनेस्थीसिया दिया जाता है ताकि दर्द और असुविधा से बचा जा सके।
2. छोटे चीरे करना: सर्जन शरीर में छोटे चीरे (आमतौर पर 0.5 से 1.5 सेंटीमीटर के) करते हैं। ये चीरे उस क्षेत्र में किए जाते हैं जहां सर्जरी की जानी है।
3. लैप्रोस्कोप का प्रवेश: एक चीरे के माध्यम से लैप्रोस्कोप, जो एक पतली ट्यूब होती है जिसके अंत में कैमरा और प्रकाश स्रोत होता है, को प्रविष्ट किया जाता है। यह कैमरा आंतरिक अंगों की स्पष्ट छवि प्रदान करता है, जिसे मॉनिटर पर देखा जा सकता है।
4. अन्य सर्जिकल उपकरण: अन्य चीरों के माध्यम से विभिन्न सर्जिकल उपकरण प्रविष्ट किए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल सर्जरी को अंजाम देने के लिए किया जाता है।
5. हर्निया का इलाज: सर्जन लैप्रोस्कोपिक उपकरणों और कैमरे की मदद से हर्निया की सटीक पहचान करते हैं और उसे ठीक करते हैं। यह प्रक्रिया हर्निया के प्रकार और स्थिति पर निर्भर करती है।
6. चीरे को बंद करना: सर्जरी पूरी होने के बाद, चीरों को सिल दिया जाता है या स्टेपल्स/बैंड-ऐड्स का इस्तेमाल करके बंद किया जाता है।
लैप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर में दर्द कम होता है, रिकवरी तेज होती है, और निशान कम दिखाई देते हैं, जिससे यह पारंपरिक खुली सर्जरी की तुलना में अधिक प्राथमिकता वाला विकल्प बन जाता है। हालांकि, हर मामले की विशिष्टता और रोगी की व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर, सर्जन यह तय करता है कि लैप्रोस्कोपिक सर्जरी उपयुक्त है या नहीं।
संपर्क करें
वर्ल्ड लेप्रोस्कोपी अस्पताल
साइबर सिटी, गुरुग्राम
एनसीआर दिल्ली, भारत
वर्ल्ड लेप्रोस्कोपी प्रशिक्षण संस्थान
भवन संख्या: 27, डीएचसीसी, दुबई, संयुक्त अरब अमीरात
वर्ल्ड लेप्रोस्कोपी प्रशिक्षण संस्थान
5401 एस किर्कमैन रोड सुइट 340
ऑरलैंडो, FL 32819, यूएसए