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हिस्टेरेक्टॉमी क्या है और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या होती है?
Treatment  |  12.10.2023 8:16 pm  |  98  |  A+ | a-
लैप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी
लैप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी
इस वीडियो में हिस्टेरेक्टॉमी के इलाज के बारे में जानकारी दी गई है, हिस्टेरेक्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें महिला का गर्भाशय (बच्चेदानी) निकाल दिया जाता है। यह सर्जरी विभिन्न कारणों से की जाती है, जैसे कि गंभीर एंडोमेट्रियोसिस, अत्यधिक रक्तस्राव, फाइब्रॉइड, गर्भाशय का कैंसर, या अन्य चिकित्सा स्थितियां।

हिस्टेरेक्टॉमी की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:

1.   पूर्व-सर्जरी परीक्षण  : सर्जरी से पहले, रोगी को विभिन्न परीक्षणों और प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, जैसे रक्त परीक्षण, शारीरिक परीक्षण, और कभी-कभी इमेजिंग परीक्षण।

2.   एनेस्थीसिया  : सर्जरी के दौरान, रोगी को सामान्य एनेस्थीसिया दिया जाता है, जिससे वह सर्जरी के दौरान सो जाती है।

3.   सर्जरी की विधि  : हिस्टेरेक्टॉमी कई तरह से की जा सकती है:
   -   एब्डोमिनल हिस्टेरेक्टॉमी  : पेट पर एक चीरा लगाकर गर्भाशय को निकाला जाता है।
   -   वेजाइनल हिस्टेरेक्टॉमी  : योनि के रास्ते से गर्भाशय को निकाला जाता है।
   -   लैप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी  : छोटे चीरों के माध्यम से लैप्रोस्कोप का इस्तेमाल करके गर्भाशय को निकाला जाता है।

4.   रिकवरी  : सर्जरी के बाद, रोगी को अस्पताल में कुछ समय तक रहना पड़ सकता है। रिकवरी की अवधि उस सर्जरी की प्रकार पर निर्भर करती है जो की गई है। रोगी को घर पर आराम करने, भारी चीजें न उठाने, और नियमित रूप से डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है।

5.   पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल  : सर्जरी के बाद, रोगी को दर्द प्रबंधन, घाव की देखभाल, और संभावित जटिलताओं के लिए निगरानी की जरूरत होती है।

6.   दीर्घकालिक प्रभाव  : हिस्टेरेक्टॉमी के दीर्घकालिक प्रभाव, जैसे कि हार्मोनल परिवर्तन या मेनोपॉज के लक्षण, भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

हिस्टेरेक्टॉमी का निर्णय और प्रक्रिया व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति और चिकित्सा जरूरतों पर निर्भर करती है। इसलिए, इस सर्जरी से पहले विस्तृत चिकित्सा परामर्श और सहमति आवश्यक होती है।



हिस्टेरेक्टॉमी की प्रक्रिया और उससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर और विस्तार से जानकारी इस प्रकार है:

7.   हिस्टेरेक्टॉमी के प्रकार  : हिस्टेरेक्टॉमी कई प्रकार की होती है। कुछ में केवल गर्भाशय हटाया जाता है, जबकि अन्य में गर्भाशय के साथ-साथ फैलोपियन ट्यूब्स, ओवरीज़, और सर्विक्स भी हटा दिए जाते हैं।

8.   चिकित्सकीय आवश्यकताएं  : हिस्टेरेक्टॉमी आमतौर पर तभी सुझाई जाती है जब अन्य उपचार विकल्प प्रभावी नहीं होते या जब कोई गंभीर या जीवन को खतरे में डालने वाली स्थिति होती है।

9.   उपचार के विकल्प  : कुछ मामलों में, हार्मोन थेरेपी, दवाइयां, या अन्य सर्जिकल प्रक्रियाएं हिस्टेरेक्टॉमी के विकल्प के रूप में सुझाई जा सकती हैं।

10.   जीवनशैली में बदलाव और सावधानियां  : हिस्टेरेक्टॉमी के बाद, महिलाओं को अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं, जैसे कि हार्मोनल बदलावों का प्रबंधन और संभावित मेनोपॉज़ के लक्षणों से निपटना।

11.   मनोवैज्ञानिक प्रभाव  : कुछ महिलाओं को हिस्टेरेक्टॉमी के बाद मनोवैज्ञानिक प्रभाव का अनुभव हो सकता है, खासकर अगर वे भविष्य में बच्चे पैदा करने की इच्छा रखती थीं।

12.   फॉलो-अप और दीर्घकालिक देखभाल  : सर्जरी के बाद नियमित फॉलो-अप और चिकित्सकीय जांच आवश्यक होती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई जटिलताएं न हों और स्वास्थ्य उचित रूप से बना रहे।

हिस्टेरेक्टॉमी एक महत्वपूर्ण और कभी-कभी जीवन बदलने वाली सर्जिकल प्रक्रिया है। इसलिए, इसे कराने से पहले विस्तृत चर्चा, चिकित्सकीय सलाह, और सहमति अत्यंत आवश्यक है।

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