लैप्रोस्कोपिक सर्जरी प्रशिक्षण के 102 वें बैच का दीक्षांत समारोह
सर्जन के मेधा पर मुहर लगी, गले में फ़ेलोशिप कस मेडल टंगा। कई दिनों के कठिन परिश्रम का परिणाम सामने आया तो डॉक्टरों चेहरों की चमक देखते बनी। अवसर था वर्ल्ड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल का दीक्षांत समारोह का।
डॉ आर के मिश्रा समेत मुख्य एवं विशिष्ट अतिथि मंच पर पहुंचते हैं। इसके बाद मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया जाता है। फिर उस बेला की बारी आती है जिसका मेधावी इंतजार कर रहे थे। उदघोषक एक-एक कर मंच पर मेधावियों को बुलाते हैं। कुलाधिपति के हाथों गले में सफलता का तमगा पड़ता है। फिर उन डॉक्टरों की मेहमाननवाजी की जाती है जिन्हें कुलाधिपति ने विशेष तौर पर आमंत्रित किया था। इनके साथ स्वयंसेवकों को भी फलों की टोकरी भेंट की जाती है।
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