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लैपरोस्कोपिक सर्जरी कराने का मानसिक प्रभाव
Wed - December 27, 2023 3:53 pm  |  Article Hits:73  |  A+ | a-
 लैपरोस्कोपिक सर्जरी कराने का मानसिक प्रभाव
लैपरोस्कोपिक सर्जरी कराने का मानसिक प्रभाव
लैपरोस्कोपिक सर्जरी कराने का मानसिक प्रभाव

परिचय:

लैपरोस्कोपिक सर्जरी एक प्रौद्योगिकी है जिससे विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज किया जा सकता है। यह आमतौर पर खुली सर्जरी की तुलना में कम चिरकाल, कम खौफनाकता और तेजी से आराम से आसानी से किया जा सकता है। हालांकि, इस प्रक्रिया का मानसिक प्रभाव अधिक होता है और यह रोगी के मनोबल को प्रभावित कर सकता है। इस लेख में, हम लैपरोस्कोपिक सर्जरी कराने के मानसिक प्रभाव को विस्तार से जानेंगे।

 लैपरोस्कोपिक सर्जरी कराने का मानसिक प्रभाव

लैपरोस्कोपिक सर्जरी का संक्षेप:

लैपरोस्कोपिक सर्जरी एक प्रवृत्ति बदलने वाली प्रक्रिया है जो समय के साथ साबित हुई है। इसमें स्कैनिंग डिवाइस को इंसर्ट करके चिकित्सक शल्य से बाहर होते हैं, और उसे गाइड करने के लिए उच्च संवेग वाला कैमरा और चिकित्सक को इंडिकेट करने के लिए अन्य सांविदानिक उपकरणों का उपयोग किया जाता है। यह अंदर जाकर रोगी की स्थिति को देखने और इलाज करने में मदद करता है, बिना बड़े चीरे के।

लैपरोस्कोपिक सर्जरी का मानसिक प्रभाव:

चिंता और उत्साह:

लैपरोस्कोपिक सर्जरी के लिए तैयार होने के समय, रोगी में चिंता और उत्साह का मिश्रण होता है। चिरकाल की कमी और सुधारित रिकवरी की आशा के बावजूद, रोगी इस नए चिकित्सा पद्धति के प्रति आत्म-संवाद करता है।

सांविदानिक और मानसिक तैयारी:

सर्जरी के लिए सांविदानिक और मानसिक तैयारी बहुत जरूरी है। रोगी को इस प्रक्रिया के लिए तैयार होना पड़ता है, जिसमें उन्हें विभिन्न पहलुओं को समझना होता है, जैसे कि ऑपरेशन की प्रक्रिया, संभावित संघर्ष या बीमारी का निदान, और सर्जरी के बाद की देखभाल।

रूटीन से बाहरीज़ी:

लैपरोस्कोपिक सर्जरी के बाद, रोगी को अपनी सामान्य दिनचर्या को बदलना पड़ता है। यह नई स्थिति का सामना करने की आवश्यकता हो सकती है और इससे उनमें असमंजस और असुरक्षा की भावना हो सकती है।

परिवार और समर्थन:

इस समय में परिवार और आस-पास के लोगों का समर्थन महत्वपूर्ण है। रोगी को अपने प्रियजनों के साथ संपर्क में रहने का आदान-प्रदान होता है, जो उन्हें आत्म-विश्वास और मानसिक सहारा प्रदान कर सकते हैं।

लैपरोस्कोपिक सर्जरी के बाद की मानसिक स्थिति:

संभावित संघर्ष:

ऑपरेशन के बाद, रोगी को संभावित संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि शारीरिक दर्द, सूजन, या चिकित्सकीय समस्याएं। यह रोगी के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।

अपेक्षाएं और निराशा:

कई बार, रोगी की अपेक्षाएं और उनकी चिकित्सकीय स्थिति के बीच अंतर हो सकता है, जिससे निराशा उत्पन्न हो सकती है। यह मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है और सहायक सेवाएं की आवश्यकता हो सकती हैं।

सोशल सपोर्ट:

सामाजिक समर्थन बहुत जरूरी है, खासकर जब रोगी को अपने सामाजिक नेटवर्क से दूर होना पड़ता है। इससे अकेलापन और उदासी बढ़ सकती है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।

निष्कर्ष:

लैपरोस्कोपिक सर्जरी के दौरान और उसके बाद का मानसिक प्रभाव स्वास्थ्य पेशेवरों और रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें संवेदनशीलता, साहस, और समर्थन का सामर्थ्य शामिल होता है। रोगी को अपने मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए परिवार और चिकित्सकों का सहयोग लाभकारी साबित हो सकता है, ताकि वह सुरक्षित और स्वस्थ रूप से इस यात्रा को पूरा कर सके।
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