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एसआईएलएस और पारंपरिक लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टमी की तुलना
Sat - April 23, 2011 11:54 am  |  Article Hits:5111  |  A+ | a-
एसआईएलएस और कन्वेंशनल लेप्रोस्कोपिक कोलेसीस्टेक्टोमी की तुलना में
एसआईएलएस और कन्वेंशनल लेप्रोस्कोपिक कोलेसीस्टेक्टोमी की तुलना में

एसआईएलएस और कन्वेंशनल लेप्रोस्कोपिक कोलेस्टेक्टोमी दोनों ही चोटी विशेषज्ञों द्वारा प्रयोग की जाने वाली पाचन तंत्र की एक ऑपरेशन है। इसमें पेट के ऊपरी भाग में स्थित गल्ब्लैडर को निकाला जाता है। हालांकि, दोनों तकनीकों के बीच थोड़ी भिन्नता होती है। नीचे दिए गए पैरामीटरों को बाध्यकारी तत्व के रूप में उल्लेख करके दोनों की तुलना की गई है।

एसआईएलएस (एक्स-रे संबंधित लेप्रोस्कोपिक स्टोन सर्जरी) तकनीक एक पुरानी तकनीक है जिसमें छोटी इंसीज के माध्यम से एक बड़े इंसीज के माध्यम से गल्ब्लैडर को निकाला जाता है। यह एक खुले सिस्टम में किया जाता है जिसमें एक बड़ा इंसीज होता है और चीजों को देखने के लिए एक ऑप्टिकल इंस्ट्रुमेंट का उपयोग किया जाता है। यह उपचार सामान्य रूप से सुरक्षित होता है, लेकिन एक बड़ी इंसीज रखता है जो आपके शरीर को ठोस करता है और इसलिए उपचार के लिए अधिक समय और ब्लड लॉस होता है। इसके अलावा, इस तकनीक में अन्य दंशास्त्र के उपयोग के बाद रिस्क होता है।

वहीं, कन्वेंशनल लेप्रोस्कोपिक कोलेस्टेक्टोमी (सीएलसी) एक मॉडर्न तकनीक है जिसमें एक स्माल इंसीज के माध्यम से गल्ब्लैडर को निकाला जाता है। इस तकनीक में दरवाजा (तथा एक छोटी कैमरा) लगाने के लिए स्कोप का उपयोग किया जाता है। इस तकनीक में समय और ब्लड लॉस कम होता है तथा पेशाब और अन्य समस्याओं का रिस्क भी कम होता है।

एसआईएलएस एक पुरानी तकनीक होने के कारण उसमें स्थानीय बेहतरीन तकनीक का उपयोग नहीं किया जा सकता है, जिससे ज्यादातर समय इस तकनीक के उपयोग से अधिक चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता होती है। साथ ही, एक बड़ी इंसीज रखने के कारण, यह उपचार लंबा समय लेता है तथा उच्च रिस्क होता है।

दूसरी ओर, सीएलसी में स्माल इंसीज का उपयोग किया जाता है, जिससे समय और ब्लड लॉस कम हता है और उपचार के लिए पेशाब और अन्य समस्याओं का रिस्क भी कम होता है। इस तकनीक का उपयोग करने के लिए, चिकित्सकों को स्थानीय तकनीकों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए, जो स्माल इंसीज के माध्यम से पेट के अंदर निकटतम एक्सेस देते हैं। यह उपचार आमतौर पर संभव होता है और स्थानीय एनेस्थेसिया में किया जाता है।

एक अध्ययन ने देखा है कि सीएलसी एसआईएलएस से बेहतर होता है, क्योंकि यह उपचार सुरक्षित होता है, कम रिस्क होता है और इसके बाद रिकवरी भी त्वरित होती है। इसके अलावा, सीएलसी में आपकी रात्रि अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि एसआईएलएस के उपचार के बाद अक्सर आपको अस्पताल में रहने की आवश्यकता होती है।

समाप्त रूप से, सीएलसी और एसआईएलएस दोनों ही प्रभावी उपचार हैं, लेकिन एक मॉडर्न तकनीक के रूप में सीएलसी का उपयोग करना बेहतर हो सकता है। इस तकनीक को इंसीज कम होने के कारण समध्यम से किया जाता है, जिससे समय और ब्लड लॉस कम होता है तथा उच्च रिस्क वाले पोस्ट-ऑपरेटिव कंप्लिकेशन की संभावना भी कम होती है। इसलिए, आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए कि कौन सी तकनीक आपके लिए सबसे अधिक उपयुक्त है। 

आपके चिकित्सक को आपकी जांच के बाद आपकी स्थिति के आधार पर सबसे अच्छा उपाय बताएंगे। यह उपचार एक महत्वपूर्ण विषय है, इसलिए आपको अपनी स्थिति के आधार पर सभी विकल्पों को ध्यान से विचार करना चाहिए। आपका चिकित्सक आपके सभी संदेहों और प्रश्नों के उत्तर देने में सक्षम होगा।

अंत में, सीएलसी और एसआईएलएस दोनों ही स्थानीय तकनीक हैं और गल्ब्लैडर के निकालने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। दोनों तकनीकों में कुछ भिन्नताएं हैं जैसे कि सीएलसी में समय और ब्लड लॉस कम होता है और पोस्ट-ऑपरेटिव कंप्लिकेशन की संभावना भी कम होती है। अतः, आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए और उनकी सलाह पर आगे बढ़ना चाहिए।

यदि आप गल्ब्लैडर के निकालने की ऑपरेशन से गुजर रहे हैं तो आपको इससे जुड़ी समस्याओं की भी जानकारी होनी चाहिए। कुछ लोगों में प्रश्न होते हैं जैसे कि ऑपरेशन के बाद खाने में क्या खाना चाहिए, कितना समय तक आपको रुकना चाहिए और आपको क्या संभव तकलीफें हो सकती हैं।

आमतौर पर, गल्ब्लैडर के निकालने की सर्जरी के बाद आपको कुछ दिनों तक संभवतः खाने-पीने के बाद संख्यात तत्वों से बचने की सलाह दी जाती है। आपको भोजन में विभिन्न तत्वों से बचने की सलाह दी जाती है, जिसमें तला खाना, चिकने तथा मसालेदार भोजन, तले हुए आलू या अन्य स्टार्ची फल शामिल हैं। आपको प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए तथा चिकित्सक के निर्देशों का पालन करना चाहिए।

आमतौर पर, सर्जरी के बाद आपको कुछ दिनों तक आराम करना चाहिए। आपको जल्द से जल्द अपने चिकित्सक के पास जाना चाहिए यदि आपको फीवर, बहुत तेज दर्द, वायरल इंफेक्शन के सलिए लक्षण या अन्य असामान्य लक्षण हों, जैसे ज्यादा खून की बहुत तेज बहना, अचानक से बढ़ी हुई तकलीफ या दर्द होने की स्थिति हो तो।

इसके अलावा, आपको अपने चिकित्सक से पूछना चाहिए कि कब तक आपको काम शुरू करना चाहिए तथा आपको कितने समय तक काम से दूर रहना चाहिए। आपके चिकित्सक आपको उपयुक्त समय तक आराम करने की सलाह देंगे ताकि आप ठीक से सुधर सकें।

समाप्त रूप से, गल्ब्लैडर के निकालने की सर्जरी अधिकतर मामलों में सुरक्षित होती है और यह आमतौर पर अच्छी तरह से संभव होता है। आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए जब भी आपके मन में कोई भी संदेह हो। अगर आप अपनी स्थिति के बारे में सभी जानकारी जुटा लेते हैं तो आप अपनी स्थिति के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होंगे और सही तरीके से ठीक होंगे।

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