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पेशेंट्स में लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी जारी एस्पिरिन थेरेपी के परिणाम
Thu - September 8, 2016 8:21 am  |  Article Hits:3255  |  A+ | a-
पेशेंट्स में लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी जारी एस्पिरिन थेरेपी के परिणाम
पेशेंट्स में लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी जारी एस्पिरिन थेरेपी के परिणाम

लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें किडनी के एक हिस्से को स्पष्ट करने के लिए छोटी से छोटी छेदों का उपयोग किया जाता है। यह चिकित्सा प्रक्रिया आमतौर पर उच्च रक्तचाप, किडनी संक्रमण, किडनी का कैंसर या विभिन्न किडनी समस्याओं के इलाज के लिए उपयोगी होती है। इस प्रक्रिया के दौरान एस्पिरिन जैसे डिक्लोफेनैक सामग्री के सेवन करने वाले रोगियों के लिए चिकित्सा के परिणामों का प्रभाव अध्ययनित किया गया है। यह अध्ययन पेशेंट्स के लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी के परिणामों पर प्रकाश डालता है जो एस्पिरिन थेरेपी जारी रखने वाले रोगियों में प्राप्त हुए।

इस अध्ययन में देखा गया कि अस्पताल में लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी का उपचार प्राप्त करने वाले पेशेंट्स को एस्पिरिन थेरेपी को नष्ट करने की आवश्यकता नहीं होती है। यह मतलब है कि जो रोगी इस थेरेपी को जारी रखते हैं, वे उन्हें किसी भी चिकित्सा प्रक्रिया के दौरान एस्पिरिन थेरेपी को सामान्य रूप से जारी रख सकते हैं। इस अध्ययन ने साबित किया है कि एस्पिरिन थेरेपी जारी रखने वाले पेशेंट्स में लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी के परिणाम सुरक्षित और प्रभावी हो सकते हैं। यह अध्ययन एस्पिरिन थेरेपी के लिए विशेषज्ञों को रोगियों को सलाह देने में मदद कर सकता है कि इसे लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी के बाद भी जारी रखा जा सकता है। हालांकि, और अध्ययनों की आवश्यकता है जिससे इस विषय पर अधिक ज्ञान प्राप्त किया जा सके। 

पेशेंट्स में लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी जारी एस्पिरिन थेरेपी के परिणामों का अध्ययन ने महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। इस अध्ययन में पाया गया है कि लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी के दौरान एस्पिरिन थेरेपी को जारी रखने वाले रोगियों में कुछ महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। यह अध्ययन साबित करता है कि चिकित्सा प्रक्रिया के दौरान एस्पिरिन थेरेपी को संघटित रूप से जारी रखा जा सकता है, जिससे रोगियों को एस्पिरिन को अनिवार्य रूप से बंद करने की आवश्यकता नहीं होती। साथ ही, यह अध्ययन दर्शाता है कि लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी के परिणाम एस्पिरिन थेरेपी जारी रखने वाले रोगियों में सुरक्षित और प्रभावी हो सकते हैं। हालांकि, इस विषय पर अधिक अध्ययनों की आवश्यकता है ताकि इससे संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सके।

लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी जारी एस्पिरिन थेरेपी के परिणामों पर आधारित अध्ययन में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है। इस अध्ययन में पाया गया है कि एस्पिरिन थेरेपी जारी रखने वाले रोगियों में लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी के दौरान महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। यह अध्ययन साबित करता है कि इस प्रक्रिया के दौरान एस्पिरिन थेरेपी को बंद करने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि इसे सुरक्षित रूप से जारी रखा जा सकता है। इसके अलावा, यह अध्ययन सुझाव देता है कि एस्पिरिन थेरेपी जारी रखने वाले रोगियों में लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी के परिणाम सकारात्मक हो सकते हैं। हालांकि, इस क्षेत्र में और अध्ययन की आवश्यकता है ताकि इससे संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सके।

लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी के दौरान एस्पिरिन थेरेपी जारी रखने वाले पेशेंट्स में प्राप्त होने वाले परिणामों पर आधारित अध्ययन का सारांश बताता है कि इस अध्ययन में महत्वपूर्ण नतीजे मिले हैं। इस अध्ययन में यह पाया गया है कि लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी करवाने वाले रोगियों को अस्पताल में रहते हुए एस्पिरिन थेरेपी जारी रखने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा, यह अध्ययन दिखाता है कि लपारोस्कोपिक पार्श्विक नेफ्रेक्टोमी के बाद एस्पिरिन थेरेपी जारी रखने वाले रोगियों में सुरक्षा और प्रभाव के मामले में तुलनात्मक परिणाम मिलते हैं। हालांकि, इस विषय पर और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है, लेकिन यह अध्ययन ऐसे पेशेंट्स के लिए एस्पिरिन थेरेपी के जारी रखने की संभावना का समर्थन करता है।

 

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