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नकारात्मक परिशिष्ट - कई परिशिष्ट ऑपरेशन अनावश्यक हैं
Sun - June 19, 2016 11:17 am  |  Article Hits:2359  |  A+ | a-
नकारात्मक परिशिष्ट - कई परिशिष्ट ऑपरेशन अनावश्यक हैं
नकारात्मक परिशिष्ट - कई परिशिष्ट ऑपरेशन अनावश्यक हैं
नकारात्मक परिशिष्ट - कई परिशिष्ट ऑपरेशन अनावश्यक हैं

आधुनिक दुनिया में चिकित्सा विज्ञान और तकनीकी के विकास ने मानव समाज को कई सुविधाएं प्रदान की हैं, जिससे लोगों के रोगों का उपचार संभव हो रहा है। हालांकि, कई बार यह देखा जाता है कि कुछ ऑपरेशन अनावश्यक रूप से हो रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप रोगी को अत्यधिक आराम नहीं मिल पा रहा है। इसलिए, हमें विचार करना चाहिए कि क्या हम इन परिशिष्ट ऑपरेशनों को समीक्षा करें और अगर आवश्यकता हो तो इनको कम करने का प्रयास करें।

एक ऐसा अंतर्निहित कारण है कि कई बार चिकित्सा पेशेवरों के बीमार पशु के उपचार में कामचलाऊ या अनावश्यक ऑपरेशन करने की प्रवृत्ति होती है। यह एक व्यापक समस्या है और इसका समाधान खोजने के लिए हमें संगठित रूप से काम करना चाहिए।

यहाँ कुछ प्रमुख कारण हैं जो ऑपरेशनों की अनावश्यकता को बढ़ाते हैं:

व्यापारिक हित: कुछ चिकित्सा पेशेवरों को रोगी को अत्यधिक ऑपरेशन कराने के माध्यम से व्यापारिक लाभ हासिल करने की आदत होती है। वे अनावश्यक तरीकों में संलग्न होते हैं और इस तरीके से बड़ी मात्रा में धन कमाते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी प्रथा के चलते कुछ ऑपरेशन अनावश्यक रूप से किए जा रहे हैं और रोगियों को अत्याधिक आराम नहीं मिल पा रहा है।

विज्ञान और तकनीकी के उन्नतिशीलता: चिकित्सा विज्ञान और तकनीकी के विकास ने ऑपरेशन की क्षमता को बढ़ा दिया है, जिससे इसके प्रयोग की सीमाएं भी विस्तारित हो गई हैं। लेकिन इसका दुरुपयोग यह है कि कुछ चिकित्सा पेशेवर ऑपरेशन का सुझाव देने में अत्यधिक सक्रिय हो जाते हैं, जबकि उनकी आवश्यकता या उपयोगिता का परीक्षण नहीं किया जाता है।

मानसिक दबाव: रोगियों को अपने स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कई बार ऑपरेशन करवाने की इच्छा होती है। मानसिक तनाव, असुरक्षा भावना, यहाँ कुछ अन्य कारण हैं जो ऑपरेशनों की अनावश्यकता को बढ़ा सकते हैं:

व्यावसायिक हार्डवेयर: ऑपरेशन के दौरान उपयोग किए जाने वाले चिकित्सा औज़ारों और उपकरणों की व्यावसायिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। कई बार ऐसा होता है कि ये उपकरण नवीनतम और महंगे होते हैं, और चिकित्सा पेशेवरों को उनका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस प्रकार, ऑपरेशन का उपयोग अधिकतर व्यावसायिक हार्डवेयर की बिक्री बढ़ाने के लिए होता है, जबकि इसकी महत्वपूर्णता और उपयोगिता पर गहराई से सोचा नहीं जाता।

सामाजिक दबाव: कुछ समयों में, रोगी ऑपरेशन के लिए दबाव महसूस करते हैं जो सामाजिक प्रतीक्षा, परिवार की अपेक्षा, या आत्ममान से जुड़ा हो सकता है। ऐसे माहौल में, रोगी और चिकित्सा पेशेवर ऑपरेशन के लिए सहमत हो सकते हैं, जबकि वास्तविकता में यह आवश्यक नहीं होता है।

अनभिप्रेत ज्ञान और अनुभव: कई बार चिकित्सा पेशेवरों के पास अपर्याप्त ज्ञान और अनुभव के कारण भी ऑपरेशनों की अनावश्यकता हो सकती है। वे नवीनतम चिकित्सा विज्ञान के उपयोग, नए तकनीकों और प्रक्रियाओं के प्रयोग के बारे में पूरी तरह से जागरूक नहीं हो सकते हैं। इसके कारण, वे अक्सर अनावश्यक ऑपरेशन के साथ रोगियों के पास आते हैं, जो उच्च खर्च, असुरक्षा, और अनुगमन के साथ आते हैं।

विज्ञानिक विभाजन: विभाजन और विवादास्पद विचारधारा के कारण, कुछ ऑपरेशन विधियों पर भी मतभेद हो सकते हैं। एक चिकित्सा समुदाय में एक ऑपरेशन की प्रचलितता हो सकती है, जबकि दूसरे समुदाय में वही ऑपरेशन नहीं की जाएगी और उसे अनावश्यक माना जाएगा। यह विज्ञानिक विभाजन ऑपरेशनों के अनावश्यक उपयोग को प्रभावित कर सकता है।

इन सभी कारणों के परिणामस्वरूप, यह महत्वपूर्ण है कि हम चिकित्सा पेशेवरों, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों, और समाज के साथ सहयोग करें ताकि अनावशश्यक ऑपरेशनों की संख्या कम की जा सके और उनके अनावश्यक उपयोग को रोका जा सके। इसके लिए, निम्नलिखित उपायों को विचार में लेना चाहिए:

संज्ञानात्मक शिक्षा: चिकित्सा पेशेवरों के लिए नवीनतम चिकित्सा विज्ञान, तकनीकी उन्नति, और संशोधित दिशानिर्देशों के बारे में संज्ञानात्मक शिक्षा और प्रशिक्षण उपलब्ध कराना आवश्यक है। इससे चिकित्सा पेशेवरों की ज्ञानवर्धन की आवश्यकता पूरी होगी और उन्हें ऑपरेशन की व्यापक समीक्षा करने की क्षमता मिलेगी।

वैद्यकीय मार्गदर्शन: संशोधित दिशानिर्देश बनाने और वैद्यकीय समुदाय के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने की आवश्यकता है। वैद्यकीय संगठन और समुदायों को एकसाथ काम करके, स्क्रीनिंग के माध्यम से अनावश्यक ऑपरेशनों की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए नीतियों और मार्गदर्शन को विकसित करना चाहिए।

संगठित निरीक्षण: चिकित्सा पेशेवरों के बीच संगठित निरीक्षण व्यवस्था को स्थापित करना चाहिए, जिससे ऑपरेशनों की समीक्षा और मान्यता के लिए मानक प्रक्रियाएं हों। संगठित निरीक्षण के माध्यम से, ऑपरेशनों की आवश्यकता, उपयोगिता, और विकल्पों की विचारधारा का मूल्यांकन किया जा सकता है।

संज्ञानात्मक जागरूकता: सामान्य जनता को संज्ञानात्मक जागरूकता बढ़ानी चाहिए ताकि वे अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को समझ सकें और विभिन्न उपचार विकल्पों के बारे में सही निर्णय ले सकें। इससे रोगियों को अनावश्यक ऑपरेशन से बचाने में मदद मिलेगी।

दूसरे मत से सहयोग: चिकित्सा समुदाय के साथ सहयोग करना चाहिए ताकि विभिन्न विचार और मतों को सम्मिलित किया जा सके। विभिन्न विचार धाराओं और दृष्टिकोणों का सम्मिलन ऑपरेशन की समीक्षा और उपयोगिता को बेहतर बना सकता है।

यह सभी उपाय ऑपरेशनों की अनावश्यकता को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, रोगियों को सही चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने में मदद मिलेगी और अनावश्यक ऑपरेशनों के जोखिम को कम किया जा सकेगा। कुछ और उपाय जो विचार में लिए जा सकते हैं, वे हैं:

अल्टरनेटिव चिकित्सा पद्धतियाँ: विभिन्न अल्टरनेटिव चिकित्सा पद्धतियाँ, जैसे की आयुर्वेद, योग, होमियोपैथी, नैचुरोपैथी, और अकुपंक्ति, आदि, ऑपरेशन की अलग-अलग विधियों के बजाय उपयोगी और सौंदर्यिक रूप से उपचार कर सकती हैं। इन पद्धतियों का उपयोग अवश्य करना चाहिए जब उनका प्रभावशील और सुरक्षित हो और ऑपरेशन से पहले एक वैद्यकीय सलाहकार के साथ परामर्श किया जाए।

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देश: एक संयुक्त रूप से स्वीकृत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देश बनाने में मदद मिलेगी, जो ऑपरेशनों की व्यापक मान्यता और प्रचलन की निगरानी करेगी। इससे अस्पष्टता और मतभेद कम होंगे और उपयोगकर्ताओं को विश्वसनीयता और निष्ठा के साथ सहयाता मिलेगी। यह वैद्यकीय समुदाय के बीच एक सामान्य मानक स्थापित करेगा और विभिन्न देशों के बीच अनावश्यक ऑपरेशनों की व्यापकता को नियंत्रित करेगा।

रिसर्च और इवीडेंस: वैद्यकीय रिसर्च को बढ़ावा देना चाहिए और इवीडेंस-आधारित चिकित्सा के विकास को समर्थन करना चाहिए। यह सही और व्यापक विश्वसनीयता के साथ ऑपरेशन की आवश्यकता और अवश्यकता को मान्यता देने में मदद करेगा।

रोगी की सहभागिता: रोगी को अपने स्वास्थ्य समस्या के बारे में शिकारी बनाना और उन्हें उपचार विकल्पों के बारे में सूचित करना आवश्यक है। रोगी की सहभागिता और संज्ञानात्मक समर्थन ऑपरेशनों की अनावश्यकता को कम करने में मदद करेगी।

इन उपायों को अपनाने से, हम नकारात्मक परिशिष्ट ऑपरेशनों की संख्या कम कर सकते हैं और इससे रोगियों के लिए सुरक्षित और उपयोगी चिकित्सा प्रदान कर सकते हैं। साथ ही, चिकित्सा पेशेवरों, संगठनों, और समुदाय को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि संगठनों और चिकित्सा पेशेवरों के बीच संचालन में संयोग और समन्वय हो। नीतियों, दिशानिर्देशों, और मार्गदर्शिकाओं का समान रूप से प्रयोग होना चाहिए।

इसके अलावा, जरूरतमंद व्यक्तियों की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का संचालन बढ़ाना चाहिए ताकि वे समय पर उचित उपचार प्राप्त कर सकें और असामयिकताओं का सामना न करना पड़े।

सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत और सुदृढ़ बनाने के लिए सरकारों और स्वास्थ्य निदेशालयों को अपनी प्राथमिकताओं में संशोधन करना चाहिए। स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, व्यापकता, और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर निवेश किया जाना चाहिए।

अंत में, जागरूकता और शिक्षा को महत्वपूर्ण मानना चाहिए। जनसंख्या को स्वास्थ्य समस्याओं, उपचार विकल्पों, और ऑपरेशनों की व्याख्या के लिए शिक्षित करना चाहिए। यह उन्हें सकारात्मक और सचेत और स्वस्थ निर्णय लेने में मदद करेगा। संदर्भ पुस्तकालयों, वेबसाइटों, और जनसंचार माध्यमों के माध्यम से जनता को सही और विश्वसनीय सूचना प्रदान करने के लिए जोड़े जाने चाहिए।

इन सभी पहलों को मिलाकर, हम सकारात्मक स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण कर सकते हैं जहां अनावश्यक ऑपरेशनों की संख्या कम हो, चिकित्सा सुविधाएं समर्पित और उपयोगी हों, और रोगियों को उचित और सुरक्षित उपचार मिले। इसके अलावा, यह हमारी सामरिक और आर्थिक संसाधनों का उपयोग भी कम करेगा और स्वास्थ्य प्रणाली की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को बढ़ाएगा।

नकारात्मक परिशिष्ट की अवधारणा अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें ऑपरेशनों की सच्चाई को स्वीकार करने के लिए उत्साहित करता है और समूचे समुदाय के स्वास्थ्य और देखभाल को मजबूत करने के लिए हमारी संगठनात्मक क्षमता को बढ़ाता है। एक संवेदनशील, गुणवत्तापूर्ण और आपसी सहयोगपूर्ण चिकित्सा को मजबूत करना चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर और सतत बनाए रखा जा सके। स्वास्थ्य प्रदाताओं, बीमा कंपनियों, और बाजारी संगठनों के बीच सहयोग और आपसी समझ का विकास करना आवश्यक है ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाई जा सके।

साथ ही, मानव संसाधन का सुविधाजनक उपयोग करना चाहिए। चिकित्सा पेशेवरों की प्रशिक्षण, अनुभव, और नौकरी संतुलन को सुनिश्चित करने के लिए उच्च गुणवत्ता के प्रशिक्षण कार्यक्रम और अवसर प्रदान करने चाहिए। वैद्यकीय कर्मचारियों की ऊर्जा, संकल्प, और मनोबल को संरक्षित रखने के लिए कर्मचारी कल्याणकारी योजनाओं को संचालित किया जाना चाहिए।

सामुदायिक स्वास्थ्य संगठनों को भी सक्रिय रूप से संघटित होना चाहिए जो लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में शिक्षित करें, समर्थन प्रदान करें और उनके हित में कार्य करें। स्वास्थ्य मेलों, शिविरों, और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहएक समर्पित नकारात्मक परिषिष्ट कार्यक्रम को बनाए रखना चाहिए जो संगठनों और लोगों को अविश्वसनीय ऑपरेशनों के बारे में जागरूक करेगा। इसके लिए स्वास्थ्य प्रदाताओं, वैद्यकीय संगठनों, और सामुदायिक संगठनों के सहयोग का लाभ लेना चाहिए।
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