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पिछले एक दशक में लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की संख्या में काफी वृद्धि हुई है
Mon - April 29, 2013 4:13 am  |  Article Hits:6328  |  A+ | a-
पिछले एक दशक में लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की संख्या में काफी वृद्धि हुई है
पिछले एक दशक में लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की संख्या में काफी वृद्धि हुई है
लैप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी की दर पिछले एक दशक में बहुत बढ़ गई है और अब पेट की हिस्टेरेक्टॉमी की तुलना में अधिक है, अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी के अप्रैल अंक में एक अध्ययन के अनुसार। फर्म के सांख्यिकीय विश्वास के साथ यह अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है कि दरें पिछले 10 वर्षों के भीतर हिस्टेरेक्टॉमी के लिए लेप्रोस्कोपिक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाएं भारत के मेट्रो शहर में भी नाटकीय रूप से बढ़ी हैं। हमारे विश्व लेप्रोस्कोपी अस्पताल में भी, पिछले एक दशक में हमने खुले हिस्टेरेक्टोमी का प्रदर्शन लगभग बंद कर दिया है जो साहित्य में अन्य रिपोर्टों के अनुरूप है। लैप्रोस्कोपी के प्रति रुझान में यह बदलाव संभव है कि पिछले कुछ वर्षों में लैप्रोस्कोपिक सर्जिकल और स्त्री रोग संबंधी प्रक्रियाओं की संख्या में वृद्धि के कारण, लेप्रोस्कोपिक सर्जनों के कौशल में वृद्धि के साथ-साथ लैप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी को पकड़ने के लिए हमारे अध्ययन की क्षमता में वृद्धि हुई है। मरीज की मांग इस ओर बढ़ गई है। हिस्टेरेक्टॉमी मार्ग को निर्धारित करने की हमारी अद्वितीय क्षमता, जो अधिक से अधिक स्त्रीरोग विशेषज्ञों के उपयुक्त कौशल को दर्शाती है, हिस्टेरेक्टॉमी प्रवृत्तियों का अधिक सटीक लक्षण वर्णन प्रदान कर सकती है।

हाल के वर्षों में, अधिक महिलाओं ने बड़े पेट चीरा या पारंपरिक योनि सर्जरी के माध्यम से सर्जरी के बजाय, एक लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया का विकल्प चुना है, जिसमें एक डॉक्टर पेट में छोटे चीरों के माध्यम से शल्य चिकित्सा उपकरणों में हेरफेर करता है। रोबोट-असिस्टेड हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी भी संख्या में वृद्धि हुई है और परिणाम पारंपरिक लेप्रोस्कोपिक तकनीक के समान है। लेकिन दा विंची रोबोटिक सर्जरी की प्रक्रिया एक रोबोटिक सर्जन द्वारा की जाती है जो ऑपरेटिंग टेबल से कुछ दूरी पर एक कंसोल पर बैठा होता है और दा विंची कंसोल जो हाथ और पैर के नियंत्रण का उपयोग करता है, वह चार भुजाओं वाले दा विंची सर्जिकल उपकरणों को हेरफेर करता है जो एक रोबोट हथियार से जुड़े होते हैं। दा विंची रोबोट-असिस्टेड सर्जरी के समर्थकों का कहना है कि यह एक अच्छा न्यूनतम इनवेसिव विकल्प हो सकता है जब सर्जरी जटिल होती है और कम रक्त हानि, दर्द और पारंपरिक खुली सर्जरी की तुलना में सामान्य जीवन में जल्दी वापसी हो सकती है। लेकिन यह अधिक महंगा भी है, इसलिए निजी बीमा वाले लोगों को मेडिकेयर या मेडिकिड या असंक्रमित रोगियों की तुलना में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से गुजरने की काफी संभावना थी।

पिछले एक दशक में लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। यह दो प्रमुख चिकित्सा प्रक्रियाएं हैं जो महिलाओं के स्तनों और गर्भाशय के रोगों के उपचार में उपयोग होती हैं। इन विशेषताओं के कारण, ये तकनीकी उन्नति के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक या लैपरोस्कोपीक रोबोटिक दा विंची, यह एक चिकित्सा तकनीक है जिसमें एक रोबोटिक सिस्टम का उपयोग करके छोटे चीरा के माध्यम से विभिन्न स्तनों और गर्भाशय के विकारों का उपचार किया जाता है। इसका उद्देश्य सर्जरी के दौरान पेशेंट की छोटी सी चीरियों को छोटे छोटे इंशीजनों के माध्यम से करना होता है। यह तकनीक नुकसान कम करने, रोगी के द्वारा उठाए जाने वाले तनाव को कम करने और श्वास लेने की क्षमता को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई है। इस तकनीक के माध्यम से छोटे चीरों के माध्यम से स्थानीय और सटीक उपचार किया जा सकता है, जिससे रोगी को कम दर्द और श्वास लेने में आसानी होती है। इसके साथ ही, इस तकनीक का उपयोग करके चिकित्सकों को अधिक संपूर्ण और विस्तृत दृष्टिकोण प्राप्त होता है, जिससे वे और अच्छी तरह से समस्या का निदान कर सकते हैं।

वैसे ही, हिस्टेरेक्टॉमी एक और महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रक्रिया है जिसकी संख्या में पिछले दशक में वृद्धि हुई है। हिस्टेरेक्टॉमी महिलाओं में गर्भाशय के हटाने का एक सामान्य चिकित्सा प्रक्रिया है। यह अवसाद, गर्भाशय के ट्यूमर, अशुद्धता, या गर्भाशय कैंसर जैसी समस्याओं के इलाज में उपयोगी होती है। इस प्रक्रिया में, चिकित्सक गर्भाशय को पूरी तरह से हटा देते हैं, जिससे संबंधित समस्याओं का निदान हो सकता है।

लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी के विकास ने महिलाओं के चिकित्सा उपचार में क्रांति लाई है। इन तकनीकों के उपयोग से रोगी को अधिक संभावित रूप से सुरक्षित और अधिकांश तरीकों से सुविधाजनक उपचार मिलता है। ये तकनीकें सर्जरी को कम आपातकालीन और अत्यावश्यक काटने की जरूरत से मुक्त करती हैं, जिससे रोगी का आरामदायक समय और संक्रमण के जोखिम का कम होता है। इसके साथ ही, ये तकनीकें भी रोगी के शरीर के अंदर कम छेद या निशान छोड़ती हैं, जिससे उपचार के बाद उनकी त्वचा की मरम्मत कम होती है।

लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की संख्या में वृद्धि कई कारणों की वजह से हुई है। प्रथम, इन तकनीकों की सामरिकता और दक्षता में वृद्धि हुई है, जिससे चिकित्सा पेशेंट के लिए अधिक उपयोगी बन गई हैं। द्वितीय, इन तकनीकों की संचालन और सुरक्षा में सुधार हुई है, जो चिकित्सकों को और अधिक विश्वसनीय बनाता है और उन्हें इन तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है।

इस वृद्धि के साथ, लैप्रोस्कोपिक दाविंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी ने चिकित्सा प्रशासन में भी एक बड़ा परिवर्तन लाया है। ये तकनीकें आमतौर पर कम अस्पतालीय रहती हैं, जिससे रोगी के लिए अधिक सुविधाजनक होती हैं। सामान्यतया, इन प्रक्रियाओं को संचालित करने के लिए अलग-अलग सामग्री और यंत्रों की आवश्यकता होती है, जो अस्पताल में प्राप्त होती हैं। लेकिन लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक के उपयोग से, ये प्रक्रियाएं आसानी से अस्पताल के बाहर भी कियी जा सकती हैं। ये एक प्रगतिशील प्रयास है जो चिकित्सा सुविधाओं को अधिक उपयोगी और पहुंचयोग्य बनाने का लक्ष्य रखता है।

इस वृद्धि के पीछे कई कारण हैं, जैसे तकनीकी उन्नति, चिकित्सा विज्ञान की अवधारणाओं में सुधार, अनुभवी चिकित्सकों की उपस्थिति और मरीज़ों की जागरूकता आदि। इन तकनीकों का उपयोग करके, समस्याओं का निदान और उपचार महिलाओं के लिए अधिक आसान और सुरक्षित हो गया है। 

इसके साथ ही, लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की वृद्धि में शिक्षा, जागरूकता, और साझेदारी की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। लोगों की जागरूकता बढ़ने के साथ-साथ चिकित्सा संबंधी जानकारी के भी विकास के कारण, महिलाएं इन नवीनतम तकनीकों के बारे में अधिक जानती हैं और इनका उपयोग करने के लिए अधिकतर रुचि रखती हैं।

यह वृद्धि चिकित्सा प्रशासन के लिए भी एक उत्कृष्ट परिणाम है, क्योंकि इन तकनीकों का उपयोग करके अधिक मात्रा में रोगियों का इलाज किया जा सकता है। इससे उनके लिए समय और संसाधन की बचत होती है, जिससे उन्हें अधिक महंगी और जटिल प्रक्रियाओं से बचाया जा सकता है।

समर्पित चिकित्सा वैज्ञानिकों, विज्ञानियों, चिकित्सा प्रशासनिक अधिकारियों और साझेदारों के प्रयासों से, लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी जैसी तकनीकें महिलाओं के स्वास्थ्य और चिकित्सा देख रखरखाव में बड़ा बदलाव लाई हैं। इन तकनीकों के प्रयोग से महिलाओं के लिए अधिक संभावित हुआ है कि उन्हें अस्पताल में लंबे समय तक ठहरने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे उनके लिए उच्चतम स्तर का चिकित्सा सेवा उपलब्ध होने का अवसर मिलता है, वहाँ भी जहां उनके पास पहुंचना और ठहरना आसान नहीं होता है।

इस वृद्धि ने समाज में भी पॉजिटिव प्रभाव डाला है। महिलाओं के लिए यह तकनीकें अधिक सुरक्षित, आरामदायक और जीवनशैली के साथ मेडिकल अवसर प्रदान करती हैं। ये तकनीकें महिलाओं को उनकी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति अधिक जागरूक बनाती हैं और उन्हें सशक्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। इसके साथ ही, यह तकनीकें महिलाओं को उनके जीवन का नियंत्रण देने में मदद करती हैं और उन्हें उनके स्वास्थ्य पर अधिक नियंत्रण प्राप्त करने का अवसर देती हैं।

इस प्रकार, लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की संख्या में वृद्धि महिलाओं के स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। इन तकनीकों के माध्यम से, महिलाएं उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकती हैं और अस्पतालीय ठहराव की आवश्यकता कम कर सकती हैं। इससे महिलाओं को अधिक स्वतंत्रता, आराम और नियंत्रण मिलता है।

हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि इन तकनीकों के उपयोग को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया जाए। समर्पित शिक्षित चिकित्सकों की उपस्थिति में, ये तकनीकें महिलाओं के लिए सुरक्षित और प्रभावी होती हैं। चिकित्सा संघों, संगठनों और अस्पतालों को चिकित्सा कर्मियों को इन नवीनतम तकनीकों के लिए योग्यता और ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए।

इस प्रकार, लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की वृद्धि महिलाओं के स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं में सकारात्मक परिवर्तन लाई हैं। ये तकनीकें महिलाओं को अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सुविधाजनक और पहुँचयोग्य बनाती हैं। लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी के माध्यम से निष्क्रिय अवधि और उपचार की अवधि में भी कमी होती है। इससे महिलाओं को जल्दी चिकित्सा सेवा मिलती है और उनका उपचार शीघ्र होता है। इन तकनीकों का उपयोग करके सर्जरी का समय भी कम होता है और इससे मरीज़ों के द्वारा उठाए जाने वाले तनाव को कम करने में मदद मिलती है।

साथ ही, ये तकनीकें अन्य पारंपरिक सर्जिकल प्रक्रियाओं की तुलना में कम आपातकालीन होती हैं, जिससे रोगी के लिए अधिक सुरक्षित रहता है। उनके लिए अधिक आरामदायक होती है और चिकित्सा प्रक्रिया के दौरान कम पीड़ा होती है। इससे रोगी की आरामदायकता और उपचार संबंधी प्रभावकारिता में सुधार होता है।

इस तकनीकी वृद्धि का एक और प्रभावपूर्ण पहलू है मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य पर। ज्यादातर महिलाएं अपनी स्तनों और गर्भाशय के रोगो ं के उपचार के लिए चिकित्सक के साथ मजबूत संबंध बनाने में संकोच करती हैं। लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी जैसी तकनीकों के विकास से, महिलाओं को चिकित्सा प्रशासन के साथ अधिक संपर्क और साझेदारी का मौका मिलता है। ये तकनीकें महिलाओं के स्वास्थ्य पर संदेशा देती हैं कि वे अपने रोगों के बारे में खुलकर बात कर सकती हैं और सही उपचार के लिए सहयोग कर सकती हैं।

इन तकनीकों की संख्या में वृद्धि का एक मुख्य कारण भी महिलाओं के जीवन में बदलती हुई जीवनशैली है। आधुनिक जीवनशैली के साथ, शारीरिक स्वास्थ्य और रोगों के प्रबंधन की दृष्टि से महिलाएं ज्यादा सक्रिय हो रही हैं। ये तकनीकें महिलाओं को उनके व्यस्त जीवनशैली के साथ उपचार और रिकवरी का आसान और सुविधाजनक मार्ग प्रदान करती हैं।

समर्पित चिकित्सा वैज्ञानिकों, संगठनों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर, लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की संख्या में वृद्धि और उनके उपयोग के परिणामस्वरूप महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य और जीवनशैली की सुविधा मिलती है। इन तकनीकों के प्रयोग से महिलाओं को सुरक्षित और प्रभावी उपचार प्रदान किए जा सकते हैं, जिससे उनका रोगों के साथ निदान और यथार्थित हो सकता है।

इस वृद्धि का अन्य एक पहलू वैज्ञानिक अनुसंधान और नवीनतम प्रौद्योगिकी के विकास में है। इन तकनीकों में नवीनतम रोबोटिक और इमेजिंग प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है, जो सुरक्षा, प्रभावशीलता, और परिणामों की गुणवत्ता को बढ़ाता है। वैज्ञानिक अनुसंधान और नवीनतम प्रौद्योगिकी के अद्यतित होने के साथ, ये तकनीकें औचित्यशील और उन्नत बनती जा रही हैं।

इस वृद्धि के साथ, हमें यह भी ध्यान देना चाहिए कि इन तकनीकों का उपयोग केवल उच्चतम गुणवत्ता और निष्पक्षता के साथ किया जाना चाहिए। ये तकनीकें शिक्षित चिकित्साकर्मियों द्वारा और समर्पित चिकित्सा संस्थानों द्वारा उपयोग की जानी चाहिए, जहां योग्य चिकित्सकों के प्रदर्शन और संबंधों का निरीक्षण होता है। सुविधा सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा प्रदाताओं को तकनीकी अद्यतन और नवीनतम दिशानिर्देशों के लिए सतत शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए।

साथ ही, लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की वृद्धि के साथ-साथ, महिलाओं को इन तकनीकों के बारे में जागरूकता प्रदान करना भी महत्वपूर्ण है। सामुदायिक स्वास्थ्य अभियान, महिला संगठन, और चिकित्सा जागरूकता प्रोग्रामों के माध्यम से महिलाओं को इन नवीनतम तकनीकों के बारे में शिक्षित करना चाहिए। इससे महिलाओं को उनके स्वास्थ्य पर नियंत्रण और सशक्तिकरण के लिए सामर्थ्य मिलेगा।

सम्प्रेषण के माध्यम से भी, जनसंपर्क अभियान, सोशल मीडिया, और जनसाधारण को जागरूकता बढ़ाने के लिए उपयोगी हो सकते हैं। महिलों को समय-समय पर वेबिनार, सेमिनार और स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की जानकारी प्रदान की जा सकती है। इससे महिलाओं को इन तकनीकों के लाभ, प्रक्रिया, संभावित परिणाम और उपचार के विकल्पों के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलती है।

साथ ही, सरकारी नीतियों को भी महिलाओं के स्वास्थ्य सुविधाओं को समर्थन करने के लिए समायोजित करना चाहिए। इसमें महिला स्वास्थ्य सुरक्षा, संजीवनी योजनाएं, और उचित अनुदान की उपलब्धता शामिल हो सकती है। इससे महिलाओं को इन तकनीकों का उपयोग करने के लिए आर्थिक सहायता मिलती है और उनकी स्वास्थ्य सेवा के लिए अधिकतम पहुंच सुनिश्चित होती है।

इस प्रकार, लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की संख्या में वृद्धि के साथ, चिकित्सा संगठनों, चिकित्सा प्रदाताओं, समुदाय एवं सरकार के मिलीजुली के प्रयासों से महिलाओं को इन तकनीकों के बारे में जागरुक बढ़ाने के लिए कठिनाईयों का सामना करना आवश्यक है। महिलाओं को सक्षम बनाने और उन्हें संदेश देने के लिए सक्रिय जनसंचार के माध्यम से जागरूकता और शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक बनाना और उन्हें स्वस्थ और निर्णायक निर्णय लेने के लिए प्रेरित करना आवश्यक है।

इसके साथ ही, सामाजिक और मानसिक धारणाओं को भी बदलने की आवश्यकता है। महिलाओं को समर्थन और प्रोत्साहन देने के लिए समाज में बदलाव करना चाहिए, ताकि वे अपने स्वास्थ्य और चिकित्सा के मामलों में आत्मविश्वासपूर्ण हों और नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने के लिए खुले मन से तैयार हों।

अंत में, सभी संबंधित हस्तियों को एकजुट होने के लिए समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है। चिकित्सा पेशेवरों, स्वास्थ्य संगठनों, सरकारी नीतिकर्मियों, और महिला समूहों को मिलकर कार्य करना चाहिए, ताकि लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की संख्या और उपयोग में वृद्धि के लिए सशक्त नीतियों की आवश्यकता है। सरकारों को इन नवीनतम तकनीकों को प्रभावी तरीके से शामिल करने के लिए उचित प्रशासनिक, नियामक और वित्तीय समर्थन प्रदान करना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी की सुविधाएं समग्र और सामान्य जनसंख्या के लिए उपलब्ध हों।

संघीय स्तर पर, चिकित्सा संबंधी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए। सरकारी अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों को लैप्रोस्कोपिक दा विंची रोबोटिक और हिस्टेरेक्टॉमी जैसी तकनीकों के विकास, नवीनतम अद्यतन और उनके प्रभाव के बारे में अध्ययन करने के लिए संसाधन और समर्थन प्रदान करने की जरूरत है।
्रदाताओं को महिलाओं को इन नवीनतम तकनीकों के बारे में जागरूक करने, उन्हें उपलब्ध सुविधाओं के बारे में सूचित करने और इन तकनीकों के लाभों को समझाने के लिए सामुदायिक गतिविधियों का आयोजन करना चाहिए। स्वास्थ्य शिविर, विशेष वार्तालाप, और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं जहां महिलाओं को इन तकनीकों के बारे में जानकारी मिलेगी और उनके सवालों का उत्तर दिया जाएगा।

व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को भी इन नवीनतम तकनीकों को लागू करने के लिए प्रशिक्षित रहना चाहिए। चिकित्सा पेशेवरों को नवीनतम विधियों, प्रक्रियाओं और उपकरणों के बारे में अद्यतित रहना चाहिए ताकि वे इन तकनीकों का उपयोग सुरक्षित और प्रभावी ढंग से कर सकें।

साथ ही, महिलाओं को उनके स्वास्थ्य अधिकारों के बारे में जागरूक करना और उन्हें इन तकनीकों के लाभ का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना भी महत्वपूर्ण है। समाजिक मीडिया, साक्षात्कार, पराम्परिक जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम, ब्लॉग और वीडियोस के माध्यम से महिलाओं को संदेश पहुंचाना चाहिए। यह महिलाओं को उनके स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारों के बारे में संज्ञान जगाएगा और उन्हें सक्षम बनाएगा अपने स्वास्थ्य के प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए।

साथ ही, यह महत्वपूर्ण है कि स्वास्थ्य संगठन, सरकारी नीति निर्माताओं, और चिकित्सा पेशेवरों को सहयोगी संरचनाओं का निर्माण करने के लिए मिलकर काम करें। यह नेटवर्किंग, जानकारी साझा करना, अनुभव साझा करना, और तकनीकी ज्ञान बांटने के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, ये संरचनाएं महिलाओं के लिए एक संघर्ष स्थल के रूप में भी कार्य करेंगी, जहां वे अपने समस्याओं और अनुभवों को साझा कर सकें और समर्थन प्राप्त कर सकें।
सम्पूर्ण समुदाय को संगठित रूप से जोड़ना भी महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल, निजी चिकित्सालय और स्वास्थ्य सेवा प
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