दूरबीन द्वारा पैन्क्रियाज़ (अग्नाशय) और तिल्ली (स्प्लीन) की गाँठ का इलाज
क्या है स्प्लीन का कार्य
तिल्ली का कार्य शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखना है। उसमें सफेद रक्त कणिकाएं बनती हैं। जिसे लिम्फोसाइट्स कहा जाता है। यह ही शरीर में फर्स्ट लाइन रोग प्रतिरोधक का कार्य करती हैं और बाहर आने वाले किसी भी संक्रमण को शरीर के अंदर फैलने से रोकती हैं।
दूरबीन द्वारा तिल्ली (स्प्लीन) की गाँठ का इलाज
अब दूरबीन विधि द्वारा तिल्ली (स्प्लीन) की गाँठ का इलाज बिना बड़े चीरे के किया जाता है इस विधि मे मरीज को बेहोश करने के बाद पेट के ओपरेशन के लिए नाभि में एवं पेट के अन्य भाग में जरूरत के अनुसारले 5MM से ले के 10MM तक के चीरे रख के अन्दर दूरबीन डाली जाती है. एवं पेट को CO2 गैस डाल कर फुलाया जाता है, इससे अन्दर काम करने की जगह बनाकर दूरबीन से मोनिटर पर देख के ओपरेशन किया जाता है .ओपरेशन के बाद गैस निकाल कर टाँके लगा कर छेद बंद कर दिए जाते हैं .शरीर इस तरह के ओपरेशन को अच्छे से सहन कर सकता है,होस्पिटल में कम समय रहने से मरीज घर पर ज्यादा अच्छा महसूस करता है और जल्दी ठीक होता है.मरीज का खाना पीना जल्दी शुरू हो जाता है , इससे कमजोरी नहीं आती है और मरीज.1-2 दिन यात्रा कर सकता है।
क्या होता है पैंक्रियाज
पैंक्रियाज को हिंदी में नाम अग्नाशय ग्रंथि कहते हैं. यह हमारे पाचन तंत्र का एक अहम हिस्सा होती है. करीब छह इंच लंबी यह ग्रंथि बहुत सारी कोशिकाओं से मिलकर बनी होती है. यह पेट, छोटी आंत, यकृत, प्लीहा और पित्त की थैली के बीच में होती है. पेट और रीढ़ की हड्डी के बीच में यह एक दम जकड़ी हुई होती है.
पैंक्रियाज एक लंबी नाशपाती जैसे आकार की होती है जिसका एक सिरा चौड़ा और दूसरा संकरा होता है. चौड़े सिरे को हेड और संकरे सिरे को टेल कहते हैं. बीच के हिस्से को नेक और बॉडी कहते हैं. शरीर की दो बहुत महत्वपूर्ण मेसेंटेरिक धमनी और मेसेंटेरिक नस पैंक्रियाज के एक हिस्से से होकर निकलती हैं. पैंक्रियाज के दो काम होते हैं. पहला खाना पचाना और दूसरा ब्लड शुगर को नियंत्रित करना.
पैन्क्रियाज़ (अग्नाशय) की गाँठ या ट्यूमर
जब पैंक्रियाज की कोशिकाओं में अनियंत्रित बढ़ोत्तरी होने लगती है तो वहां एक गांठ (ट्यूमर) बनने लगती है. इसका कारण होता है कि या तो नई कोशिकाओं के बनने पर भी पुरानी कोशिकाएं मर नहीं रही हैं या फिर जरूरत न होने पर भी शरीर में नई कोशिकाएं बन रही हैं. ऐसा होने पर वहां एक ट्यूमर बन जाता है. अगर इन गांठो का सही समय पर इलाज नहीं किया जाता तो ये बहुत ही दर्द दायक और कैंसर मे भी बदल सकती है
दूरबीन द्वारा पैन्क्रियाज़ (अग्नाशय) की गाँठ का इलाज
अब दूरबीन विधि द्वारा पैंक्रियाज का इलाज संभव है और दूरबीन विधि में मरीज को ज्यादा लंबे समय तक हॉस्पिटल में भर्ती नहीं रहना पड़ता। इसके साथ ही पेट पर एक या चार छेद कर पैंक्रियाज सफल ऑपरेशन किया जा सकता है। इसमें समय कम लगता है और खून की भी जरूरत न के बराबर होती है। दूरबीन विधि का एक अन्य लाभ यह है कि इसमें पेट में चीरा व टांके नहीं लगते और सिर्फ एक छेद नाभि में होने से पेट कटने के कोई निशान भी नहीं आते।
सारांश
अगर आप या आपके परिवार मे कोई पैंक्रियाज या तिल्ली (स्प्लीन) की गाँठ से परेशान है और कोई इलाज नहीं मिल रहा है तो आपको दूरबीन विधि द्वारा इलाज करना चाहिए ये विधि बहुत ही सफल और गांठ को जड़ से ख़तम कर देती है और आप बहुत जल्दी वापस अपनी सामान्य जिंदगी मे वापिस लोट सकते है दूरबीन विधि मे बिना चीरा लगाए इन गांठो को बहार निकल दिया जाता है
4 टिप्पणियाँ
डॉ. विश्वजीत प्रधान
#1
May 9th, 2021 3:25 pm
दूरबीन द्वारा पैन्क्रियाज़ (अग्नाशय) और तिल्ली (स्प्लीन) की गाँठ का एक उत्कृष्ट वीडियो पोस्ट करने के लिए धन्यवाद डॉ। मिश्रा, आप एक प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं जो आप अब तक के सबसे अच्छे शिक्षकों में से एक हैं। आपकी प्रस्तुतियाँ बहुत सरल हैं और इसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है। धन्यवाद।
डॉ। ममता कृष्णमूर्ति
#2
May 9th, 2021 3:26 pm
धन्यवाद सर, दूरबीन द्वारा पैन्क्रियाज़ (अग्नाशय) और तिल्ली (स्प्लीन) की गाँठ का यह वीडियो बहुत ही जानकारीपूर्ण और रोचक है, जो मुझे इस बारे में अधिक जानकारी देता है कि वास्तव में आपका वर्णन बहुत ही अद्भुत है। मैं इस वीडियो को अपने अन्य सर्जिकल दोस्तों के साथ साझा करना पसंद करूंगा।
मधुसुधन
#3
May 20th, 2021 5:50 am
दूरबीन द्वारा पैन्क्रियाज़ (अग्नाशय) और तिल्ली (स्प्लीन) की गाँठ का शानदार वीडियो। इस वीडियो को देखने के बाद मै अपने अंकल की सर्जरी आप से करवाना चाहता हूँ। सर इस सर्जरी के बाद मेरे अंकल ठीक हो जायेंगे।
डॉ संजीव
#4
May 20th, 2021 6:19 am
मै यह कोर्स पहले कर चूका हूँ। इस कोर्स को करने के बाद मुझे लेप्रोस्कोपी सर्जरी करने में बहुत सुविधा हुई है | यह कोर्स मेरे सभी कोर्स में से सबसे बेस्ट कोर्स है। डॉ. मिश्रा बहुत महान प्रोफेसर है | उनकी पढाने की शैली बहुत ही प्रभावशाली है | धन्यवाद।
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