लॅप्रॉस्कोपिक सर्जरी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर

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रोबोटिक सर्जरी के क्या फायदे हैं?

परंपरागत लेप्रोस्कोपी के दौरान सर्जन को शल्य साइट के अंदर देखने के लिए उपकरणों से दूर हटकर एक वीडियो मॉनिटर की ओर जाना पड़ता है। जितनी अधिक बार उसे उपकरणों को हाथ में लेकर मुड़ता पड़ता है, परिशुद्धता से समझौते की संभावना उतनी ही अधिक होती है। रोबोटिक्स के साथ उपकरणों की निपुणता, कुशलता एवं पेचीदगी में विस्तार हो जाता है। और भी बेहतर, रोबोट हाथ के कंपन को कम करने के लिए डिजाइन किया गया था। सर्जरी होने के घंटों के बाद भी अच्छे से अच्छे सर्जन को हाथों के कम्पन का सामना करना पड़ता है।

इसके अलावा, रोबोटिक सर्जरी न्यूनतम इनवेसिव है। मान लीजिये कि एक पारंपरिक प्रोस्टेटेकटोमी में चीरा आम तौर पर 8 से 10 इंच लंबा होता है। उसी सर्जरी के लिए रोबोटिक्स का उपयोग करने पर रोगी को औसतन एक सिक्के के व्यास जितने केवल पांच से छह छोटे चीरे लगेंगे। ऐसे में बढ़ी हुई क्षमताओं के साथ रोगियों को कम शारीरिक आघात, कम खून की कमी और आधान की अनावश्यकता, कम पोस्ट ऑपरेटिव दर्द एवं परेशानी, कम संक्रमण का खतरा, अस्पताल में कम समय, रिकवरी में तेजी के और ज़ख्मों में कमी का अनुभव होगा। रोबोट की मदद से प्रोस्टेटेकटोमी का अन्य महत्वपूर्ण लाभ यह भी है कि मरीज को काम अवधि के लिए कैथेटर पहनने की आवश्यकता होती है। पारंपरिक प्रोस्टेटेकटोमी में कैथेटर को 14 से 21 दिनों के लिए छोड़ देना आवश्यक है जबकि एक रोबोट की मदद से प्रोस्टेटेकटोमी में मरीज को एक कैथेटर पहनना होता है।

रोबोट की निपुणता में वृद्धि एवं 3-डी प्रकाशिकी के लाभ के साथ, एक सर्जन बहुत अच्छे तरीके से "नर्व-स्पेरिंग" ऑपरेशन कर सकता है और अपने मरीजों के प्रोस्टेटेक्टमी के बाद होने वाले इरेक्टाइल डिसफंक्शन के खतरे को कम कर सकता है। 

 

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