किन समस्याओं के निदान एवं इलाज के लिए लेप्रोस्कोपी का इस्तेमाल किया जा सकता है?
लैप्रोस्कोपी का जीर्ण पैल्विक दर्द, बांझपन, या एक पैल्विक मास जैसी समस्याओं के कारणों को खोजने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि कोई समस्या पायी जाती है, तो उसका अक्सर एक ही सर्जरी के दौरान इलाज किया जा सकता है। लैप्रोस्कोपी का निम्न मेडिकल स्थितियों के निदान एवं इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है:
• एंडोमेट्रीओसिस -अगर आपको एंडोमेट्रीओसिस के संकेत एवं लक्षण दिखाई दे रहे हैं और दवाओं से कोई मदद नहीं मिली है, तो एक लेप्रोस्कोपी की सलाह दी जा सकती है। आपकी श्रोणि के अंदर देखने के लिए एक लेप्रोस्कोप का प्रयोग किया जा सकता है। एंडोमेट्रीओसिस टिशू पाए जाने पर उसे अक्सर एक ही प्रक्रिया के दौरान हटाया जा सकता है।
• फाइब्रॉइड - फाइब्रॉइड गर्भाशय के अंदर या के बाहर पैदा होने वाली उपज होती है। अधिकांश फाइब्रॉइड सौम्य (कैंसर रहित) होती हैं, लेकिन एक बहुत छोटी संख्या में घातक (कैंसर) हो सकती हैं। फाइब्रॉइड अत्यधिक दर्द या भारी रक्तस्राव का कारण बन सकता है। उन्हें हटाने के लिए कभी कभी लैप्रोस्कोपी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
• डिम्बग्रंथि पुटी -कुछ महिलाओं के अंडाशय पर पुटी उत्पन्न होती है। पुटी अक्सर इलाज के बिना ही चली जाती है। अगर नहीं, तो आपका OB-GYN उसे लेप्रोस्कोपी से हटाने की सलाह दे सकता है।
• अस्थानिक गर्भावस्था – लेप्रोस्कोपी का उपयोग`अस्थानिक गर्भावस्था को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है।
• पेलविक फ्लोर विकार - लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का मूत्रअसंयम और श्रोणि अंग स्थानच्युति के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
• कैंसर - लेप्रोस्कोपी के उपयोग द्वारा कुछ प्रकार के कैंसर हटाए जा सकते हैं।
• एंडोमेट्रीओसिस -अगर आपको एंडोमेट्रीओसिस के संकेत एवं लक्षण दिखाई दे रहे हैं और दवाओं से कोई मदद नहीं मिली है, तो एक लेप्रोस्कोपी की सलाह दी जा सकती है। आपकी श्रोणि के अंदर देखने के लिए एक लेप्रोस्कोप का प्रयोग किया जा सकता है। एंडोमेट्रीओसिस टिशू पाए जाने पर उसे अक्सर एक ही प्रक्रिया के दौरान हटाया जा सकता है।
• फाइब्रॉइड - फाइब्रॉइड गर्भाशय के अंदर या के बाहर पैदा होने वाली उपज होती है। अधिकांश फाइब्रॉइड सौम्य (कैंसर रहित) होती हैं, लेकिन एक बहुत छोटी संख्या में घातक (कैंसर) हो सकती हैं। फाइब्रॉइड अत्यधिक दर्द या भारी रक्तस्राव का कारण बन सकता है। उन्हें हटाने के लिए कभी कभी लैप्रोस्कोपी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
• डिम्बग्रंथि पुटी -कुछ महिलाओं के अंडाशय पर पुटी उत्पन्न होती है। पुटी अक्सर इलाज के बिना ही चली जाती है। अगर नहीं, तो आपका OB-GYN उसे लेप्रोस्कोपी से हटाने की सलाह दे सकता है।
• अस्थानिक गर्भावस्था – लेप्रोस्कोपी का उपयोग`अस्थानिक गर्भावस्था को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है।
• पेलविक फ्लोर विकार - लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का मूत्रअसंयम और श्रोणि अंग स्थानच्युति के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
• कैंसर - लेप्रोस्कोपी के उपयोग द्वारा कुछ प्रकार के कैंसर हटाए जा सकते हैं।